Aankhein
आँखें, वो बातें, तेरी ये साँसें
मेरे ज़हन से अब जाएँ ना
ख्वाबों में जा के, हँस के, शर्मा के
मेरे ज़हन से ले जाए जाँ, हाँ
तेरे दिल की कहानियों की मैं
बनूँ रात दीवानी रे
सोचूँ तेरे बिन अगर ज़िंदगी
बह दे आँख से पानी रे
बाँहों में बाँहें, तेरी ये आहें
मेरे होकर ये रह जाएँ, हाँ
आँखें, वो बातें, तेरी मुलाक़ातें
मेरे ज़हन से ले जाए जाँ, हाँ
हो, मेरी जान करे ना चोरी
तेरी आँखों की ये रंगोली
मेरी आन कहीं जा छुपती है
जब सुनती है तेरी थोड़ी
हो, मेरी जान करे ना चोरी
हो, तेरी आँखों की ये रंगोली
हो, मेरी आन कहीं जा छुपती है
जब सुनती है तेरी थोड़ी
कभी कह दे जो धड़कनें मेरी
ना हो बात पुरानी रे
हो जाऊँ मैं तेरी फ़िर से वही
नई नई दीवानी रे
राहों में काँटें, क़दमों को भापें
बस अब हम पर ये कर पाए ना
आँखें, वो बातें, तेरी मुलाक़ातें
मेरे ज़हन से ले जाए जाँ, हो