Jawani
मेरी अँखियों से बह जाए पानी
पानी में तेरा नूर है
तेरी चढ़ती ये जलती जवानी
जानी मेरा फितूर है
पागल मुझे कहे जमाना
माना मेरा कसूर है
तेरे पीछे ऐरी होया मैं दीवाना
होया ये दिल मज़बूर है
ख्वाबों में चलते चलते
मिल जाएँगी राहें
मैने सोचा ना माँगा था
रब से क्यूँ खोली ये बाहें तूने
धड़कन से आगे चलती थी
तेरी आवाज़े मन में
आँखें जो लड़ती थी
अब खो गयी कहाँ महफ़िल में
गैरों में ढलते ढलते
हो गये अपने भी दूर है
तुझसे भी क्या मैं कहूँ
जब दुनिया का ये ही दस्तूर है
मेरी अँखियों से बह जाए पानी
पानी में तेरा नूर है
तेरी चढ़ती ये जलती जवानी
जानी मेरा फितूर है
पागल मुझे कहे जमाना
माना मेरा कसूर है
तेरे पीछे ऐरी होया मैं दीवाना
होया ये दिल मज़बूर है
चल ये तो जलते दिल की रवा है
चल ये तो भड़के दिल की रवा है
आँखें ये तेरी बेवफा है
जानू तू मरती भी, तो ना है