Ankhiyan Re Mori Nir Bahaye
Jalal Malihabadi
अंखिया रे मोरी नीर बहाए
अंखियाँ रे मोरी नीर बहाए
मन में लगा कर ठेस गये तुम
छोड़ के पि परदेश गये तुम
जैसे तुम्हे हम पास बुलाए
जैसे तुम्हे हम पास बुलाए
नीर बहाए
अंखियाँ रे मोरी नीर बहाए
पि सोमरस की खुशिया भरके
तुम्हरे दरस को नयना तरसे
रिम झिम बरसे जैसे घटाये
रिम झिम बरसे जैसे घटाये
नीर बहाए
अंखियाँ रे मोरी नीर बहाए
जब से गये पि भेजी ना पतिया
रो रो कटते है दुख दिन रतिया
बीते हुये दिन जब याद आये
बीते हुये दिन जब याद आये
नीर बहाए
अंखिया रे मोरी नीर बहाए