Nanha Sa Dil Deti Hoon Pardesi
Pandit Indra Chandra
नन्हा सा दिल देती हूँ
परदेसी प्रीत निभाना
नन्हा सा दिल देती हूँ
परदेसी प्रीत निभाना
तेरे नयनों की नैय्या में
तेरे नयनों की नैय्या में
बैठा हूँ पार लगाना
नन्हा सा दिल
नन्हा सा दिल देती हूँ
परदेसी प्रीत निभाना
अलबेला मौसम आया
अलबेला मौसम आया
आखों में रंगत लाया
आखों में रंगत लाया
दिन गये अकेलेपन के
दिन गये अकेलेपन के
हो चुके खेल बचपन के
हो चुके खेल बचपन के
दो दिल के इकतारे पर
दो दिल के इकतारे पर
इक सुर इक लाई बन जाना
परदेसी प्रीत निभाना
नयनों की नैय्या में
बैठा हूँ पार लगाना
नन्हा सा दिल
नन्हा सा दिल देती हूँ
परदेसी प्रीत निभाना
कोई बंधन में
जकड़ा गया
कोई बंधन में
जकड़ा गया
आँखों आँखों में
पकड़ा गया
आँखों आँखों में
पकड़ा गया
कोई बंधन में
जकड़ा गया
यही प्रीत की रीत निराली
यही प्रीत की रीत निराली
इसी में खो जाना
किसी को अपना कर लेना और
किसी का हो जाना
आज सीखा है
जीना जिलाना