So Ja So Ja
Anvita Dutt
सो जा, सो जा, अब तो सो जा, रात है थकी
आहों का कोहरा, बातों का दोहरा चुप हो गया
सो जा, सो जा, अब तो सो जा, रात है थकी
रात ओढ़े काला कफ़न सिरहाने है आयी
संदली सी सूखी लोरी जलाने है आयी
हौले हौले से वो सहला के
कानों में तेरे गा के खुद सो गई
सो जा, सो जा, अब तो सो जा, रात है थकी
यहीं कहीं साएँ कई ताक में हैं बैठे
डरी हुई, मरी हुई तेरी शकल जैसे
नन्ही परी तू आँखें ना खोल
ऐसे जहाँ में तेरा कुछ भी नहीं
सो जा, सो जा, अब तो सो जा, रात है थकी
आहों का कोहरा, बातों का दोहरा चुप हो गया
सो जा, सो जा, अब तो सो जा, रात है थकी