Bas Mein
यूँ कप कपाते तेरे होंठ है
कुछ कहते कहते थम से गये
सिरहाने हाथ है कोई तोह बात है
टूट रहा है सबर
जगमग जगमग सी येह दिवार है
महक रहा है तेरा ये बदन
कुछ ऐसा खास है कोई तो बात है
होने लगी है फिकर
वैसे तो तेरे दिल से जुड़ा हूँ
काँधे के तेरे तील पे फिदा हूँ
मन के इरादो से भीड़ा हूँ
नही रहना अपने बस में
बस में बस में बस में
तू जो नही है अपनी हद में
हद में हद में हद में नही रहना अपने अपने
बदल गया तेरा सारा मूड येह कैसे
बिगड़ गया तेरा ऐटिटूड
जो मुझको घर की एंट्री पीछे के
दरवाजे से क्यूँ मिली
ऐसी भी क्या जल्दी थी बतला दे
टिप टिप बारिशों की बूँद है
शोर करे गरजती बिजलियाँ
ग़ुम हो गयी क्यूँ होशो हवाश है
होने लगी है तेरी फिकर
वैसे तो तेरे दिल से जुड़ा हूँ
काँधे के तेरे तील पे फिदा हूँ
मन के इरादो से भिड़ा हूँ
नही रहना अपने बस में
बस में बस में बस में बस में बस में
तू जो नही है अपनी हद में
हद में हद में हद में
नही रहना अपने अपने बस में
बस में बस में बस में बस में
बस में नी रहना मुझे
बातों में ना कहना मुझे
की तू बड़ा की तू बड़ा चेप है
हुस्न दी परी तू जादु वाली छड़ी
पर गुस्से में प्रोफेसर स्नपे है
अलग विचित्र सी विंचिक चित्र सी
पल्ले पड़े ना जैसे बांड की केमिस्ट्री की
मिस्टी सी वास है तू बोले बेबी
टेक में तू ए पार्टी लारी इन ए बैलगाड़ी
किसी में भी चल बोला नही कभी कल
कहते है मिलता है सब्र का मीठा फल
पर जस्ट टेल में क्या है रॉंग क्या है राइट
कोज़ आय क्नोव थिस एंजेल इस माय बेबी गर्ल
सूंघ के बता दूँ जो है दिल में तेरे हलचल
पल पल गड बड कैन यू फील द धक धक
टेल टेल ब्लडी हेल व्हाट द हेल
नही रहना अपने बस में
बस में बस में बस में बस में
तू जो नही है अपनी हद में
हद में हद में
नही रहना अपने अपने बस में
बस में बस में बस में बस में
तू जो नही है अपनी हद में
हद में हद में
नही रहना अपने अपने बस में
बस में बस में बस में बस में
तू जो नही है अपनी हद में
हद में हद में हद में
नही रहना अपने अपने बस में