Sapney [Acoustic]
AMIT YADAV
दुनिया में तुम थे आए
अपने सपने सजाए
दिल में थे काई अरमान जागे
तूने सोचा ये ना था
तेरा तो सारा जहाँ था
फिर क्यूँ इन सपनो से भागे
हैं वहीं तू आज फिर
अधूरे सारे हैं
सपने तेरे, अरमान वो बाकी हैं
अपने तेरे ना कोई साथी हैं यहाँ
सपने तेरे, अरमान वो बाकी हैं
अपने तेरे ना कोई साथी हैं यहाँ
अपनी और कुछ पराई
झूठी किस्मत है पाई
रंगों के रंग सारे एक
तूने सोचा ये ना था
तेरा तो सारा जहाँ था
फिर क्यूँ इन रंगों से भागे
हैं वहीं तू आज फिर
अधूरे सारे है
सपने तेरे, अरमान वो बाकी हैं
अपने तेरे ना कोई साथी हैं यहाँ
सपने तेरे, अरमान वो बाकी हैं
अपने तेरे ना कोई साथी हैं यहाँ