Yehi Zindagi Hai
AMIT YADAV
इन दीवारों के रोग पुराने हैं
सपने छोटे और ऊंचे पैमाने हैं
और कुछ भी नहीं है
यही ज़िन्दगी है
इन दीवारों के रोग पुराने हैं
अपने सही हैं और झूठे बेगाने हैं
और कुछ भी नहीं है
यही ज़िन्दगी है
बिखरेंगे सब यहीं
कोई रास्ता अब नहीं
मेरी जो झूठी दुनिया है
बिखरेंगे सब यहीं
कोई रास्ता अब नहीं
मेरी जो
इन दीवारों के रोग पुराने हैं
अपने सही हैं और झूठे बेगाने हैं
और कुछ भी नहीं है
यही ज़िन्दगी है
बिखरेंगे सब यहीं
कोई रास्ता अब नहीं
मेरी जो झूठी दुनिया है
बिखरेंगे सब यहीं
कोई रास्ता अब नहीं
मेरी जो
और कुछ भी नहीं है
यही ज़िन्दगी है
और कुछ भी नहीं है
यही ज़िन्दगी है