Pashmina By Aakansha & Ami
Swanand Kirkire
हा हा हा हा हा
पश्मीना धागों के संग
कोई आज बुने ख्व़ाब ऐसे कैसे
वादी में गूंजे कहीं
नए साज़
ये रवाब ऐसे कैसे
पश्मीना धागों के संग
कलियों ने बदले अभी ये मिज़ाज
एहसास ऐसे कैसे
पलकों ने खोले अभी नए राज़
जज़्बात ऐसे कैसे
पश्मीना धागों के संग
कच्ची हवा कच्चा धुंआ घुल रहा
कच्चा सा दिल लम्हे नए चुन रहा चुन रहा
कच्ची सी धुप कच्ची डगर फिसल रही (कच्ची सी धुप कच्ची डगर फिसल रही)
कोई खड़ा चुपके से कह रहा (कोई खड़ा चुपके से कह रहा)
मैं साया बनूँ मैं साया बनूँ
तेरे पीछे चलूँ पीछे चलूँ
चलता रहूँ
पश्मीना धागों के संग
कोई आज बुने ख्व़ाब ऐसे कैसे
वादी में गूंजे कहीं
नए साज़
ये रवाब ऐसे कैसे
पश्मीना धागों के संग
आ आ आ हो हो हो