Kashmir
कहीं खोए हुए से हैं वक्त सारे
जो थे सपनों में आए गए
सही ग़लत क्या है कौन कहे
ज़हनों में दबा दबा सा रहे
हाँ, तेरा है क्या, मेरा है क्या सब कहें
तेरी मेरी में जलता सभी ना दिखे
कश्मीर
तेरा हुआ मेरे बिना तो क्या तेरा
कश्मीर
मेरा भी हो तेरे बिना तो क्या मेरा
हा आ आ हा आ आ हा आ आ
तूने जो कही, मैंने ना सुनी
मेरा तो ये क़ुसूर है
और मैंने भी कहा बार कई
पर तुझ में भी तो ग़ुरूर है
कहीं तेरे मेरे से है बड़ा कोई
लिख रहा हर घड़ी
सभी लमहें जिनमें हम खुद को हैं
खुद से ही बड़ा समझ चल दिए
हाँ, तेरा है क्या, मेरा है क्या सब कहें
तेरी मेरी में जलता सभी ना दिखे
कश्मीर
तेरा हुआ मेरे बिना तो क्या तेरा
कश्मीर
मेरा भी हो तेरे बिना तो क्या मेरा
कश्मीर
तेरा हुआ मेरे बिना तो क्या तेरा
कश्मीर
मेरा भी हो तेरे बिना तो क्या मेरा