Aadat
Rahul Jain
वैसे जिंदा हूँ मैं ज़िन्दगी बिन तेरे मैं
दर्द ही दर्द बाकी रहा है सीने में
सांस लेना भर ही यहाँ जीना नहीं है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
साथ मेरे है तू हर पल शब के अंधेरे में
पास मेरे है तू हरदम उजले सवेरे में
दिल से धड़कन भुला देना आसां नहीं है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
हे हे हे हो हो हो
वैसे जिंदा हूँ मैं ज़िन्दगी बिन तेरे मैं
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
ऐ ओ ओ आ ओ ओ
जुदा होके भी तू मुझ में कहीं बाकि है
पलको में बनके आंसू तू चली आती है
अब तो आदत सी है मुझको