Jadoo Bhari
JAVED AKHTAR, NAGRATH RAJESH ROSHAN
फिर मैं कोई उम्मीद करूँ
फिर मुझे कोई अरमाँ हो
तुम शायद मेरी बन जाओ
फिर दिल को ऐसा गुमाँ हो
पर ऐसा ना होता अच्छा है
इन बातों में क्या रखा है
मुझको ऐसी उम्मीद ना दो
जादू भरी आँखों वाली सुनो
जादू भरी आँखों वाली सुनो
ओ ओ ओ
फिर धड़कन में तुम बस जाओ
फिर कोई ग़ज़ल मैं गाऊँ
फिर चाँद में तुमको मैं देखूँ
फूलों में तुमको पाऊँ
पर ऐसा ना होता अच्छा है
इसका अंजाम जो होता है
वो दर्द ही देता है दिल को
जादू भरी आँखों वाली सुनो
जादू भरी आँखों वाली सुनो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो
तुम ऐसे मुझे