Aayi Shubh Ghadi
आई शुभ घड़ी म्हारे आँगणे जी... कोई सुगन करे पणिहार...
बीरा रो चमके फूलड़ो जी... म्हारी भाभी रो नवसर हार....
ढोल बजावां, मंगळ गावाँ, माथे तिलक करावां....
मोत्यां रा गजथाळ भरावां, आरतियाँ उतरावां...
आज हुई धन धन बहना, अर जग सारो कंगाल...
म्हारा बीरा भरवा ने आया मायरो जी, म्हे तो हो गयी आज निहाल..।।
ज्यूँ नान्ही रे भात भरण ने, किशन कन्हैया आया... l
इक डोरी रो कर्ज चुकावण, वाऱी कोटिक माया....
है बात घणेरी थोड़ा में... कोड़ी को मोल करोड़ाँ में...
धनवान कोई जग में कोनी... म्हारे भाई की होड़ाँ में...
कोड करे जामण जायो अर... हरख रयो ससुराल....
म्हारा बीरा भरवा ने आया मायरो जी, म्हे तो हो गयी आज निहाल..।।
आज हुई म्हे खुद सोने की, साजन भी सोना का....
बीर धणद बण बरस्यो म्हारे, भाग खुल्या बहना का...
धन बादळ बण बरस्यो भाई इसमें ये कर सकते हो....
म्हे गरब करूँ मन मन माहीँ... कुणसी खामी म्हारे तांई...
मायड सी म्हारी भोजाई... देवत जैसो म्हारो भाई...
बखत पड़याँ बण ज्यावे म्हारे हर मुश्किल में ढाल....
म्हारा बीरा भरवा ने आया मायरो जी, म्हे तो हो गयी aaj nihaal