Ek Chanchal Shokh Haseena [Jhankar]
SAMEER, ANAND SHRIVASTAV, MILIND SHRIVASTAV
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
सपनो मे देखा जिसको वो रूप सामने आया
जिसे दुवाओ मे माँगा था आज उसीको पाया
आ आ आ आ आ
सपनो मे देखा जिसको वो रूप सामने आया
जिसे दुवाओ मे माँगा था आज उसीको पाया
पूरे हुए सब अरमान सच हो गया फसाना (आ आ)
मेरी खुशी का लोगो ना है कोई ठिकाना (आ आ)
पूरे हुए सब अरमान सच हो गया फसाना (आ आ)
मेरी खुशी का लोगो ना है कोई ठिकाना (आ आ)
उसके तन की खुश्बू मेरी सांसो को महकाये
चंचल शोख हसीना
चंचल शोख हसीना
आ आ आ आ आ आ