Zamane Se Poochho
ज़माने से पुच्च्ो
मेरे दिल से पुच्च्ो
मैं खुश हूँ नही हूँ
तुम्हें क्या पता
सभी साथ हैं पर
मैं हूँ अकेला
अंधेरा बड़ा
यह दिल बुझ गया
दिन रात रात
मैं हूँ जागता
हर ख्वाब ख्वाब
तुझको माँगता
यही प्यार प्यार
का है वास्ता
मेरी ज़िंदगी का
तो हैं हादसा
मेरे हुंसफर तुम
कहा खो गये हो
यह क्या हो गया
नगमों को मेरे
सुनकर हमेशा
रोटी हो क्यों तुम
हो खुद से खफा
खातों को मेरी तुम
सीने से लगाकर
सिसकती हो तुम क्यों
है किसकी ख़ाता
यह क्या हो गया
ज़माने से पुच्च्ो
मेरे दिल से पुच्च्ो
मैं खुश हूँ नही हूँ
तुम्हे क्या पता
तुम तो सफ़र में
मेरे हमसफ़र थे
कहाँ खो गये हो
यह क्या हो गया
पल जो हमेशा
खुशी से भरा था
वो पल हमें अब
रुलाने लगा हैं
यह क्या हो गया
ज़माने से पुच्च्ो
मेरे दिल से पुच्च्ो
मैं खुश हूँ नही हूँ
तुम्हें क्या पता
दिन रात रात मैं
हूँ जागता
और ख्वाब ख्वाब
तुझको माँगता
यही प्यार प्यार
का है वास्ता
मेरी ज़िंदगी का
तो हैं हादसा
मेरे हुंसफर तुम कहा
खो गये हो यह क्या हो गया