Seher [Female]
इस पल में ही ज़िंदगी है
अब मुकम्मल हुआ सफ़र
डोर तक निगाहों को
कुच्छ भी आता नही नज़र
रहे ना रहे
मेरी आँखें
ख्वाब तेरे रहेंगे मगर
उँचा रहेगा हमेशा फक्र में
ये तेरा सर
और यही तू है सहेर
रेरे लिए मैं मार जौन
तो हो जौन मैं आडया
शोलों में भी उतार जौन
तो एहसास ना हो ज़रा
टूट के मैं बिखर जौन
हो जौन तुझमें फ़ना…
हादसों से गुज़र जौन
तो फिर जवँगा मैं संभाल
यही तो है मेरी सहेर
तू जो है तो रोशनी है
तुझसे ही तो रोशन है घर
तूने ही मेरे लिए तो जन्नत के खोले हैं दर
होने की मेरे तुझी से दुनिया में पौंची खबर
तू साथ है तो फिर मुझको
ना किसी का है कोई दर्र
यह ही तो है मेरी सहेर
तेरी कस्में मैने खाईं
यह है मेरी दास्तान
तुझको ही ज़मीन बनाईं
और तुझी को आसमान
मेरी किस्मत में लिखा है
फिकर तेरी मेरी वफ़ा
मैं खुद ही नही हूँ खुद में
मुझमें तू है इश्स क़दर
हन यही तो है मेरी सहेर