Kasam [Unplugged]

Sameer

मेरी नींदों की ख्वाबों की
है कसम तू ना जा
ओह मेरी जान
हम्म हम्म हम्म
तेरी आँखों में देख के
तेरी बाहों में झूम के मैं
तेरे हाथों को चूम के
तेरी ज़ुल्फो को छेड़ के
तेरे रूप की नूर की
है कसम तू ना जा
ओ मेरी जान ओ ओ ओ मेरी जान
इस रात को थाम लो
सारी घड़ियाँ तोड़ दो ना
इस चाँद को बाँध लो
चढ़ते सूरज को रोक लो
इस चाँदनी रात की
है कसम तू ना जा
ओ मेरी जान
ओ मेरी जान

आँसुओं की दुआओं मे
अपने सर को झुका के मैं तो
दोनो हाथों को जोड़ के
तुझे माँगा है रब से
मेरे सजदों की दुआओं की
है कसम तू ना जा
ओ मेरी जान ओ ओ मेरी जान
ओ मेरी जान
है कसम तू ना जा हु हु
है कसम तू ना जा
है कसम तू ना जा
है कसम तू ना जा
है कसम तू ना जा
ओ मेरी जान ओ ओ मेरी जान

Curiosités sur la chanson Kasam [Unplugged] de Adnan Sami

Quand la chanson “Kasam [Unplugged]” a-t-elle été lancée par Adnan Sami?
La chanson Kasam [Unplugged] a été lancée en 2004, sur l’album “Teri Kasam [B.O.F.]”.
Qui a composé la chanson “Kasam [Unplugged]” de Adnan Sami?
La chanson “Kasam [Unplugged]” de Adnan Sami a été composée par Sameer.

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