Kisi Din

Sameer, Adnan Sami

गुज़रे जो मेरे घर
से तो रुक जाए सितारे
हे इश्स तन्हा भारी
रत को चमाकाओ किसी दिन

चेहरे पे मेरे जुल्फ को फैलाओ किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन
चेहरे पे मेरे जुल्फ को फैलाओ किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन

पेड़ो की तरह हुस्न की बारिश मे नहलू
बारिश मे नहलू हाँ नहलू
पेड़ो की तरह हुस्न की बारिश मे नहलू
बदल के तरह झुमके घर आओ किसी दिन
आ जाओ किसी दिन आ जाओ किसी दिन
हो चेहरे पे मेरे जुल्फ को फैलाओ किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन
हो चेहरे पे मेरे जुल्फ को फैलाओ किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन

खुश्बू की तरह गुजारो मेरे दिल की गली से
दिल की गली से हा गली से
खुश्बू की तरह गुजारो मेरे दिल की गली से
फुलो की तरह मुझपे बिखर जाओ किसी दिन
आ जाओ किसी दिन आ जाओ किसी दिन
हो चेहरे पे मेरे जुल्फ को फैलाओ किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन
हो चेहरे पे मेरे जुल्फ को फैलाओ किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन
मई अपनी हर एक सांस उसी रत को दे डू
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन
सर रख के मेरे सिने पे सो जाए किसी दिन

Curiosités sur la chanson Kisi Din de Adnan Sami

Quand la chanson “Kisi Din” a-t-elle été lancée par Adnan Sami?
La chanson Kisi Din a été lancée en 2007, sur l’album “Kisi Din [B.O.F.]”.
Qui a composé la chanson “Kisi Din” de Adnan Sami?
La chanson “Kisi Din” de Adnan Sami a été composée par Sameer, Adnan Sami.

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