In Ankhon Ki Masti [Lofi]
SHAHRYAR, MIKA SINGH, RAVI PAWAR
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं
मस्ताने हज़ारों हैं इन आँखों से वाबस्ता
इन आँखों से वाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं
अफ़साने हज़ारों हैं
इन आँखों की मस्ती के
इक सिर्फ़ हम ही मय को, आँखों से पिलाते हैं
कहने को तो दुनिया में मयख़ाने हज़ारों हैं
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं
इन आँखों से वाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं