Kuchh Hamare Hai

JATIN LALIT, MAJROOH SULTANPURI

ला ला ला ला ला ला

कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है

कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
हम दोनो के सपने कितने प्यारे है

कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
हम दोनो के सपने कितने प्यारे है

कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है

इनमे उस अरमान का नूर है
जो दिल मे पलता रहा
वो रंगीन नगमा जो होंठ मे
दबके मचलता रहा

जलवे तमाम आज़ाद है
हम दिल के है बादशाह

कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
हम दोनो के सपने कितने प्यारे है

कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है

देखो ज़रा ऐसे झूम के
क्यू डोलती है बहार
यू है के आज इस तरंग मे
शामिल है अपनो का प्यार

यूही नही खुल खिली है
ज़ुल्फो से बाते जबा

कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
हम दोनो के सपने कितने प्यारे है
कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है
हम दोनो के सपने कितने प्यारे है
कुछ तुम्हारे है कुछ हमारे है

Curiosités sur la chanson Kuchh Hamare Hai de Alka Yagnik

Qui a composé la chanson “Kuchh Hamare Hai” de Alka Yagnik?
La chanson “Kuchh Hamare Hai” de Alka Yagnik a été composée par JATIN LALIT, MAJROOH SULTANPURI.

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