Tum Nahin Jana

JAVED AKHTAR, ANU MALIK, Akhtar Javed

कह रही है
कह रही है
यह नशीली
यह रगीली
यह सजीली शाम
कह रहे है
यह नशीले
यह छलकते
यह ढलकते जाम

तुम नहीं जाना
तुम नहीं जाना
सुन लो ए जाना
तुम नहीं जाना

कह रही है
आज दरवाज़े के बहा सिर्फ है मुश्किल
मिट गए सब रास्ते और खो गयी मंजिल
आस्टेनो में छुपाये ज़हर के खंजर
घुमते है ढूँढ़ते है
तुमको ही कातिल
तुम नहीं जाना
तुम नहीं जाना
सुन लो ए जाना
तुम नहीं जाना

कह रही है
जानता हूँ आज ज़ेहरेले हवायें हैं
जानता हूँ मेरे दुश्मन सब दिशाएँ है
जो भी हो लेकिन मुझे मंज़िल को पाना है
मैं मुसाफिर हो मेरी भी कुछ आदयें है
ए हसीना
मेहजबीन तू
दिलनशीं तू
दिल है तेरे नाम
ए हसीना मैं मुसाफिर
आऊंगा फिर
आज है कुछ काम
मुझको है जाना
मुझको है जाना
तुम नहीं जाना
तुम नहीं जाना
सुन लो ए जाना
तुम नहीं जाना

Curiosités sur la chanson Tum Nahin Jana de Alka Yagnik

Qui a composé la chanson “Tum Nahin Jana” de Alka Yagnik?
La chanson “Tum Nahin Jana” de Alka Yagnik a été composée par JAVED AKHTAR, ANU MALIK, Akhtar Javed.

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