Oonche Neeche Raste [Sad]
MAJROOH SULTANPURI, NAGRATH RAJESH ROSHAN
ऊँचे नीचे रास्ते और मंजिल तेरी दर
ऊँचे नीचे रास्ते और मंजिल तेरी दूर
राह में राही रुक ना जाना होकर के मजबूर
ऊँचे नीचे रास्ते और मंजिल तेरी दूर
मुबारक हो तुझको
नई मंजिल नया हमसफ़र
बहारों की ये छांव
सफरों का सुहाना नगर
आज यही दिल झूम के गाये
रहे हमेशा जीवन तेरा
खुशियों से भरपूर हो
ऊँचे नीचे रास्ते और मंजिल तेरी दूर
राह में राही रुक ना जाना होकर के मजबूर
हो ऊँचे नीचे रास्ते और मंजिल तेरी दूर