Chola Chola

Swagat Rathod

थिर थिर थिर थिरके
गगन छुए सर सर सर सर से
परचम उड़े फर फर फर फर से
आये है वीर हर घर घर घर से

शहीदों का जश्न है जश्न है
नमन है नमन है
कभी उठे कभी गिरे
जंग में होके गुम
रंग में जीत के रंगे हम तुम

तेरे आगे हर कोई झुका
कोई झुका चोला चोला
तेरे क़दमों में रखूं ज़रा
रखूं ज़रा दुनिया दुनिया
हिम्मत ग़ैरत
दोनों आँखें हैं शेरो की
आजा योद्धा
रहे ना निशानी दुश्मनो की

थिर थिर थिर थिरके
गगन छुए सर सर सर सर से
परचम उड़े फर फर फर फर से
आये है वीर हर घर घर घर से

शहीदों का जश्न है जश्न है
नमन है नमन है
कभी उठे कभी गिरे
जंग में होके गुम
रंग में जीत के रंगे हम तुम

ज़रा ज़रा सा खुमार है
सवार है जीत के पर पे
कई कई ख्वाहिशें भी है
जूनून हैं अपने सर पे

माटी को सींचू लहू से
ये स्वर्ग बचाऊं सभु से
पर नशे में झूम के दीवाना
अरे तुझे पुकारे हसीना रे
माटी को सींचू लहू से
ये स्वर्ग बचाऊं सभु से
पर नशे में झूम के दीवाना
अरे तुझे पुकारे हसीना रे
सुंदरी
तेरी निगाहों के वार चले है
यहाँ वहां घाव लगे
भरे है सारे घाव तन पे जंग के
मिटे नहीं है जो तूने दिए मन पे
इसका भी है नशा
प्रेम रस पिए जा पिए जा
मगर, डगमगाना मत रे
कभी, छूटे ना तलवारें ये
नहीं, शेर मत रुकना रे
खुमार है सवार है
जीत के पर पे
कई कई ख्वाहिशें भी है
जूनून है अपने सर पे

इस धरती का देखा था सपना
दुश्मन को किया पारा पारा पारा
हमने मौत को भी नचाया है हो
जिस का सर झुका माफ़ किया
जो खंजर ताना साफ़ उसे किया किया
मूड कर जो चला जाने दिया रे हो
हो हो ओह ओह हो
चोलों का ये तरीक़ा है
इस पर ही अब चलना है
धरती से लेके तो गगन तक
इसका ही बोल बाला है
थिर थिर थिर थिरके
गगन छुए सर सर सर सर से
परचम उड़े फर फर फर फर से
आये है वीर हर घर घर घर से
इसका भी है नशा
प्रेम रस पिए जा पिए जा
मगर, डगमगाना मत रे
कभी, छूटे ना तलवारें ये
नहीं, शेर मत रुकना रे

Curiosités sur la chanson Chola Chola de A.R. Rahman

Quand la chanson “Chola Chola” a-t-elle été lancée par A.R. Rahman?
La chanson Chola Chola a été lancée en 2022, sur l’album “Chola Chola”.
Qui a composé la chanson “Chola Chola” de A.R. Rahman?
La chanson “Chola Chola” de A.R. Rahman a été composée par Swagat Rathod.

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