Inn Lamhon Ke Daaman Mein
इन लम्हों के दामन में, पाकीज़ा से रिश्ते हैं
कोई कलमा मोहब्बत का, दोहराते फ़रिश्ते हैं
खामोश सी है ज़मीन हैरान सा फलक है
एक नूर ही नूर सा अब आसमान तलक है
नगमें ही नगमें है जागती सोती फिज़ाओं में
हुस्न है सारी अदाओं में, इश्क है जैसे हवाओं में
हो नगमें ही नगमें है जागती सोती फिज़ाओं में
हुस्न है सारी अदाओं में, इश्क है जैसे हवाओं में
धूम धूम त न ना धूम त न ना त न ना धूम त न ना त न ना धूम त न ना
त न ना धूम त न ना त न ना धूम त न ना धूम धूम
त न ना धूम त न ना त न ना धूम त न ना धूम धूम त न ना धूम त न ना त न ना धूम त न ना धूम धूम
धूम धूम त न ना धूम धूम त न ना
धूम धूम त न ना धूम धूम त न ना
धूम धूम त न ना धूम धूम त न ना
धूम धूम त न ना धूम धूम त न ना
कैसा ये इश्क है, कैसा ये ख्वाब है
कैसे जज़्बात का उमड़ा सैलाब है
कैसा ये इश्क है, कैसा ये ख्वाब है
कैसे जज़्बात का उमड़ा सैलाब है
दिन बदले रातें बदली, बातें बदली
जीने के अंदाज़ ही बदले हैं
इन लम्हों के दामन में, पाकीज़ा से रिश्ते हैं
कोई कलमा मोहब्बत का, दोहराते फ़रिश्ते हैं
हम्म समय ने ये क्या किया, बदल दी है काया
तुम्हें मैने पा लिया, मुझे तुमने पाया
मिले देखो ऐसे है हम, के दो सुर हो जैसे मद्धम
कोई ज्यादा न कोई कम, किसी राग में
के प्रेम आग में जलते दोनों ही थे
तन भी है मन भी, मन भी है तन भी
तन भी है मन भी, मन भी है तन भी
मेरे ख़्वाबों के इस गुलिस्तान में
तुमसे ही तो बाहार छाई है
फूलों में रंग मेरे थे लेकिन
इनमे खुसबू तुम्ही से आई है
क्यूँ है ये आरजू, क्यूँ है ये झुस्ताजू
क्यूँ दिल बेचैन है, क्यूँ दिल बेताब है
क्यूँ है ये आरजू, क्यूँ है ये झुस्ताजू
क्यूँ दिल बेचैन है, क्यूँ दिल बेताब है
दिन बदले, रातें बदली, बातें बदली, जीने के अंदाज़ ही बदले हैं
इन लम्हों के दामन में, पाकीज़ा से रिश्ते हैं
कोई कलमा मोहब्बत का, दोहराते फ़रिश्ते हैं
नगमें ही नगमें है जागती सोती फिज़ाओं में
हुस्न है सारी अदाओं में, इश्क है जैसे हवाओं में
इश्क है जैसे हवाओं में