Tauba Tauba
खुद से जब लड़ता हूँ
रब से यह कहता हूँ
चारों ओर जो होता है
उससे मैं गुस्सा हूँ
तौबा तौबा नफ़स मघरूर है
तौबा तौबा सच से डोर है
तौबा तौबा दिल बेनूर है
तौबा तौबा कैसा दौर है
खुद से जब लड़ता हूँ..सच है
रब से यह कहता हूँ..सच है
चारों ऑर जो होता है..सच है
उस से मैं गुस्सा हूँ..सच है
तौबा तौबा नफ़स मघरूर है
तौबा तौबा सच से डोर है
तौबा तौबा दिल बेनूर है
तौबा तौबा कैसा दौर है
कब आएगा
वक़्त वो नया
कब पाएँगे
सब दिल की आज़ादी को कब आएगी
वो प्यरिप यारी एक सुबह
दौलत बढ़ती है रोज़ तो अमीरों की ही
भूख बढ़ती है रोज़ ही ग़रीबों की
वादों से तरज़ूबान, वक़्त मिलते ही पर
गूंगी हो जाते है उन्न रहबरों की
चलतें है आकड़ के यह ज़मीन पे
भूले के जाना है इक दिन इश्स ज़मीन में
धब्बा है यह जैसे चाँद पे धब्बा
धोका के धोका, देटें है खुद को धोका
तौबा तौबा नफ़स मघरूर है
तौबा तौबा सच से डोर है
तौबा तौबा दिल बेनूर है
तौबा तौबा कैसा दौर है
सोचों सोचों ज़रा, काफ़ी है इक शमा
जिससे जल उठती है यहाँ, लाखों शमा
सारी दुनिया बदल जाएगी यारों पर
है ज़रूरी बदलना बस इक काम..
मुस्कारे के देखना भी नेकी, लोगों की
राहों से पत्थर हटा लाने की
सजदा तू सजदा, दुनिया को ना कर सजदा
सजदा हो सजदा, बस नाम है खुदा का सजदा
तौबा तौबा नफ़स मघरूर है
तौबा तौबा सच से डोर है
खुद से जब लड़ता हूँ
रब से यह कहता हूँ
चारों ऑर जो होता है
उससे मैं गुस्सा हूँ