O Saathi [Jhankar]
किस तरह मैं बताऊ की अधूरा मैं हू
ये यकीन दिलाऊ बना तेरे लिए ही मैं हू
ह्म अब यही है मेरी ख्वाहिश इस पल को तो मैं जी लू
तू इस जगह है खड़ा फिर भी है दूर तू हा
कुछ ना रहा दरमिया फिर क्यूँ दिल कह रहा
ओ साथी इतना तो बस कर दे
एक आखरी दफ़ा सही बाहों में तू भर ले
ओ साथी इतना तो बस कर दे
एक आखरी दफ़ा सही बाहों में तू भर ले
तेरी मौजूदगी से एक हिफ़ाज़त थी मिली
तू जो छोड़ गया मुझे तो ज़िंदगी बिखरी
अब तू फिर सामने है तो दिल कर रहा है सवाल
क्यूँ इस तरह बेवफा हो गया तू देदे जवाब
होके जुड़ा क्या मिला ये बता दे अब यहा
ओह साथी इतना तो बस कर दे
एक आखरी दफ़ा सही बाहों में तू भर ले
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
एक आखरी दफ़ा सही बाहों में तू भर ले
आ आ आ आ आ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ