Raaz Aankhein Teri

Rashmi Virag

राज़ आँखें तेरी
सब बयां कर रही
सुन रहा दिल तेरी ख़ामोशियाँ
कुछ कहो ना सुनो
पास मेरे रहो
इश्क की कैसी है ये गहराइयाँ
साया भी जिस्म से
होता है क्या जुदा
जितनी भी जोर की हो आंधियां
राज़ आँखें तेरी
सब बयां कर रही
सुन रहा दिल तेरी ख़ामोशियाँ

जीने का तू सहारा
तू ही रौशनी
कहता है हर सितारा
मेरी तू चांदनी
हम जुदा हो जाएँ ऐसा मुमकिन नहीं
धुप हो तुम मेरी
छाँव भी हो तुम ही
पास हो तो दूर है तन्हाइयां

मैं चलूँगा मुश्किलों में
साया बन तेरा
इस जहाँ में उस जहाँ में
बस एक तू मेरा
ख़ुशबूओं से तेरी महके जिश्म मेरा
रात आएगी तो मैं सुबह लाऊंगा
मौत आएगी तो लड़ जाऊँगा
साया भी जिस्म से
होता है क्या जुदा
जितनी भी जोर की हो आंधियां
कुछ कहो ना सुनो
पास मेरे रहो
इश्क की कैसी है ये गहराइयां

Curiosités sur la chanson Raaz Aankhein Teri de Arijit Singh

Qui a composé la chanson “Raaz Aankhein Teri” de Arijit Singh?
La chanson “Raaz Aankhein Teri” de Arijit Singh a été composée par Rashmi Virag.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Arijit Singh

Autres artistes de Film score