Ae Jaan - E - Jigar
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
ऐ जाने जिगर घुट घुट के अगर
राते हो बसर क्या होगा जरा सोचो
एसे मे अगर दुनिया की नज़र
उठ जाए इधर क्या होगा जरा सोचो
ऐ जाने जिगर ओ हो
जब फूल सा मुखड़ा सामने हो
तो प्यार भी करना पड़ता है
फूलो की तमन्ना मे लेकिन
काटो पे गुजरना पडता हँ
अच्छा
हांजी
हो ओ हो ओ हो ओ
काँट से अगर भवरा बनकर
हम जाये गुजर क्या होगा
जरा सोचो
ऐके में अगर दुनिया की नज़र
उठ जाए इधर क्या होगा जरा सोचो
हम्म हम्म (हम्म हम्म हम्म)
झुक झुक के नज़र क्यो उठती है
सीने में घडकता है क्यों दिल
दो दिल की डगर जब मिलती है
आती है मोहब्बत की मंजिल
अच्छा
हांजी
हो ओहो ओहो ओहो ओ
दो दिल की डगर आगे चलकर बट जाए
अगर क्या होगा जर सोचो
ऐ जाने जिगर घुट घुट के अगर
राते हो बसर क्या होगा जरा सोचो
हम्म हम्म (हम्म हम्म हम्म)
सुनते है जहान मे लोगो को
बो विल का मिलन मंजूर नहीं
मिलने का कोई वादा कर लो
लोगो की नज़र से दुर कही
अच्छा
हांजी
हो ओहो ओहो ओहो ओ
दो दिल की डगर आगे चलकर बट जाए
अगर क्या होगा जर सोचो
ऐ जाने जिगर घुट घुट के अगर
राते हो बसर क्या होगा जरा सोचो
हम्म हम्म (हम्म हम्म हम्म)