Ek Daur Naya Duniya Men Shuru

ROSHAN, SHAILENDRA

एक दौर नया दुनिया में शुरु बच्चों के क़दम से होगा
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा

ये राम और श्रीकृष्ण की धरती, धरती बुद्ध महान की

धरती बुद्ध महान की

जुग -जुग से इस मिट्टी ने अगवाई की इन्सान की

अगवाई की इन्सान की

ये देश है अर्जुन-भीम का, राणा प्रताप-से वीर का

कुछ करके दिखाएँगे

आ आ हा हा

कुछ करके दिखाएँगे हम भी
कुछ अपने भी दम से होगा
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा

आ आ हा हा आ आ हा हा

ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला

यहाँ तुलसी सूर कबीर और मीरा, अमर तराने गा गए

अमर तराने गा गए

कालिदास और कवि विद्यापति अमृत रस बरसा गए

अमृत रस बरसा गए

ये जन्मभूमी टैगोर की, सब कवियों में सिरमोर की

कुछ करके दिखाएँगे

आ आ हा हा

कुछ करके दिखाएँगे हम भी
कुछ अपने भी दम से होगा
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा

यहाँ लाला लाजपतराय ने उठकर दुश्मन को ललकारा था

दुश्मन को ललकारा था

मर्द-मराठा तिलक यहीं पर सिंघसमान दहाड़ा था

सिंघसमान दहाड़ा था

आए सुभाष, आए गांधी, चली देशप्रेम की एक आँधी

कुछ करके दिखाएँगे

आ आ हा हा

कुछ करके दिखाएँगे हम भी
कुछ अपने भी दम से होगा
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा
एक दौर नया दुनिया में शुरु बच्चों के क़दम से होगा(आ आ हा हा )
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा(आ आ हा हा)

Curiosités sur la chanson Ek Daur Naya Duniya Men Shuru de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “Ek Daur Naya Duniya Men Shuru” de Asha Bhosle?
La chanson “Ek Daur Naya Duniya Men Shuru” de Asha Bhosle a été composée par ROSHAN, SHAILENDRA.

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