Hare Kanch Ki Chooriyan
धानी चुनरी पहन
धानी चुनरी पहन, सजके बनके दुल्हन
जाऊंगी उनके घर, जिनसे लागी लगन
आएँगे जब सजन
आएँगे जब सजन
जीतने मेरा मन
कुछ ना बोलूँगी मैं, मुख ना खोलूँगी मैं
बज उठेगी हरे काँच की चूड़िया
ये कहेंगी हरे काँच की चूड़िया
काँच की चूड़िया, काँच की चूड़िया
छूटे माता पिता
छूटे माता पिता, छूटे वो बालपन
खेली मैं जिसके संग, पूरे सोलह सावन
देके तन और मन
देके तन और मन मैं मनाऊ सजन
तेरी बाहो मे हो, मेरा जीवन मरन
ये कहेंगी हरे काँच की चूड़िया
वादा लेगी हरे काँच की चूड़िया
काँच की चूड़िया, काँच की चूड़िया
दो सलोने वचन
दो सलोने वचन, तुमको मेरी क़सम
ये क़सम प्यार की, ये रसम प्यार की
अब निभाना सजन
अब निभाना सजन, मत भुलाना सजन
जाओ परदेस तो, जल्दी आना सजन
वादा लेगी हरे काँच की चूड़िया
फिर कहेंगी हरे काँच की चूड़िया
बज उठेगी हरे काँच की चूड़िया
काँच की चूड़िया, काँच की चूड़िया