In Baharon Men

Majrooh Sultanpuri, Roshan

आ आ आ आ आ आ आ

इन बहारों में अकेले ना फिरो
राह में काली घटा रोक ना ले

मुझको ये काली घटा रोकेगी क्या
ये तो खुद है मेरी जुल्फों के तलें
इन बहारों में अकेले ना फिरो

ये फिजायें, ये नज़ारे शाम के
सारे आशिक हैं तुम्हारे नाम के
ये फिजायें, ये नज़ारे शाम के
सारे आशिक हैं तुम्हारे नाम के
फूल कहती है हो हो हो हो
फूल कहती है तुम्हे बाद-ए-सबा
तुम्हे बाद-ए-सबा
देखना बाद-ए-सबा रोक ना ले
इन बहारों में अकेले ना फिरो
राह में काली घटा रोक ना ले

मुझको ये काली घटा रोकेगी क्या

मेरे कदमों से बहारों की गली
मेरा चेहरा देखती है हर कली
मेरे कदमों से बहारों की गली
मेरा चेहरा देखती है हर कली
जानते हैं सब हो हो हो हो
जानते हैं सब मुझे गुलज़ार में
मुझे गुलज़ार में
रंग सबको मेरे होठों से मिले

इन बहारों में अकेले ना फिरो
राह में काली घटा रोक ना ले

मुझको ये काली घटा रोकेगी क्या

बात ये है क्यों किसी का नाम लूँ
हो ना ऐसा मैं ही दामन थाम लूँ
बात ये है क्यों किसी का नाम लूँ
हो ना ऐसा मैं ही दामन थाम लूँ
जा रही हो तुमहो हो हो हो
जा रही हो तुम बड़े अंदाज़ से
बड़े अंदाज़ से
मेरी चाहत की सदा रोक ना ले
इन बहारों में अकेले ना फिरो
राह में काली घटा रोक ना ले

Curiosités sur la chanson In Baharon Men de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “In Baharon Men” de Asha Bhosle?
La chanson “In Baharon Men” de Asha Bhosle a été composée par Majrooh Sultanpuri, Roshan.

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