Ja Chali Ja Ghata
आ आ आ
लकड़ी जल कोयला भई
कोयला जल भई राख
हाये ऐ ऐ ऐ
मैं पापन ऐसी जली
कोयला भई न राख
जा
चली जा
चली जा ओ घटा
मोरे पिया का संदेशवा
ना सुना
ना सुना
ना सुना आ आ जा चली जा
चली जा ओ घटा
तीर लगा है ग़म का ऐसा
आर हुआ न पार
जन्म मरण का साथी हो कर
जन्म मरण का साथी हो कर
छोड़ गया मंझधार
हाय
छोड़ गया मंझधार
कोई बताए न खता जा
चली जा
चली जा ओ घटा
मोरे पिया का संदेशवा
ना सुना ना सुना
ना सुना आ आ जा चली जा
चली जा ओ घटा
पिया मिलन का सपना देखा
सपना था दिन चार
हाय
सपना था दिन चार
आंख खुली तो उजड़ चुका था
खुशियों का संसार
अच्छी मिली है सजा जाबी चली जा
चली जा ओ घटा