Jab Prem Agan Lag Jaaye
ओ जब प्रेम अगन लग जाए
ओ फिर चैन कहा से आए
जब प्रेम अगन लग जाए
फिर चैन कहा से आए
तन सुलगे मन सुलगे
अनमीत सी प्यास जगाए
हा तन सुलगे मन सुलगे
अनमीत सी प्यास जगाए
ओ जब प्रेम अगन लग जाए (ओ जब प्रेम अगन लग जाए)
फिर चैन कहा से आए हो (फिर चैन कहा से आए हो)
रंग बदल कर आई जैसे सावन रुत मतवारी
हो हो हो हो
रंग बदल कर आई जैसे सावन रुत मतवारी
बरखा की बुंदनिया बरसे
बन बन के चिंगारी हो
बिन तेरे ये जागी
अरे बिन तेरे ये जागी
हो ज्वाला कौन बुझाये
ओ जब प्रेम अगन लग जाए (ओ जब प्रेम अगन लग जाए)
फिर चैन कहा से आए हो (फिर चैन कहा से आए हो)
कब से मधुर मिलन को तरसे कंचन काया मोरी
हो हो हो हो
कब से मधुर मिलन को तरसे कंचन काया मोरी
मुझको अपनी भाहो मे तू कसले चोरी चोरी हो
मैं तुझमे खो जाऊ
हा मैं तुझमे खो जाऊ
तू जो आंग लगाए
ओ जब प्रेम अगन लग जाए (ओ जब प्रेम अगन लग जाए)
फिर चैन कहा से आए हो (फिर चैन कहा से आए हो)
सजी सवारी सेज की रसिया कलियन को महका दे
हो हो हो हो
सजी सवारी सेज की रसिया कलियन को महका दे
आज मेरे रंगो मे कोई अपना रंग मिला दे हो
मन चाहे तू मेरी सुनी माँग सजाए
हा मन चाहे तू मेरी सुनी माँग सजाए
ओ जब प्रेम अगन लग जाए
फिर चैन कहा से आए
ओ जब प्रेम अगन लग जाए
फिर चैन कहा से आए हो (फिर चैन कहा से आए हो)