Kab Ke Bichhde Hue

ANANDJI KALYANJI, ANJAAN, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

कब के बिछड़े हुए
हम आज कहां आ के मिले
जैसे शम्मा से कही
अउ ये ज़िलमिला के मिले
कब के बिछड़े हुए
हम आज कहां आ के मिले
जैसे सावन जैसे सावन
जैसे सावन से कही
प्यासी घटा छा के मिले
कब के बिछड़े हुए
हम आज कहां आ के मिले
कब के बिछड़े
कब के बिछड़े

बाद मुद्दत के
रात महाकि है
दिल धड़कता है
सांस बहकि है
प्यार छलका है
प्यारी आँखों से
सुर्ख होठों
पे आग डहकि है
महाकि हवाओं में
बहकी फिजाओं में दो
प्यासे दिल जो मिले
दो प्यासे दिल जो मिले
जैसे मयकश
जैसे मयकश
जैसे मयकश कोई
साकी से डगमगा के मिले
कब के बिछड़े हुए
हम आज कहां आ के मिले
कब के बिछड़े
कब के बिछड़े

दूर शहनाई
गीत गाती है
दिल के तारों को
छेड़ जाती है
दिल के तारों को
छेड़ जाती है
यूं सपनों के
फूल यहा खिलते है
यूं दुवा दिल
की रंग लाती है
यूं दुवा दिल
की रंग लाती है
बरसों के बेगाने
उलफत के दीवाने
अनजाने ऐसे मिले
अनजाने ऐसे मिले
जैसे मनचाही
जैसे मनचाही
जैसे मनचाही दुवां
बरसो आजमा के मिले
कब के बिछड़े हुए
हम आज कहां आ के मिले
जैसे शम्मा से कही
लो ये ज़िलमिला के मिले
कब के बिछड़े हुए
हम आज कहां आ के मिले
कब के बिछड़े
कब के बिछड़े.

Curiosités sur la chanson Kab Ke Bichhde Hue de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “Kab Ke Bichhde Hue” de Asha Bhosle?
La chanson “Kab Ke Bichhde Hue” de Asha Bhosle a été composée par ANANDJI KALYANJI, ANJAAN, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH.

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