Kabse Dhari Hai Samne Botal Sharab Ki

Shankar-Jaikishan, Rajinder Krishnan

कब से धरी है सामने बोतल शराब की
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की

ओ सागर मे आज ढाल के साया शबाब का
सकी ने रुख़ ही मोड़ दिया आफताब का
आफताब का
आ बैठ मेरी ज़ुल्फो मे दो घड़ी
आएगा तुझको लुत्फ़ सबे आफताब का
आ बैठ मेरी ज़ुल्फो मे दो घड़ी
आएगा तुझको लुत्फ़ सबे आफताब का
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की

सकी फ़िज़ा जमाने की कितनी उदास है
मई आ गया ये सोच के
मयखना पास है
मयखना पास है
तेरे लिए ही रखा है मैने वो एक जाम
जिसमे मेरे हसीन लाबो की मिठास है
तेरे लिए ही रखा है मैने वो एक जाम
जिसमे मेरे हसीन लाबो की मिठास है
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की

सकी सराब ला के ये दिल बेकरार है
हर चीज़ इस ज़हन की बे ऐतबार है
बे ऐतबार है
जो मयकडी मे आ गया दुनिया को छोड़ कर
इक इक लम्हा उसके लिए तो दुस्वर है
जो मयकडी मे आ गया दुनिया को छोड़ कर
इक इक लम्हा उसके लिए तो दुस्वर है
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की
आ पीले इसमे बंद है
के इसमे बंद है राते शबाब की

Curiosités sur la chanson Kabse Dhari Hai Samne Botal Sharab Ki de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “Kabse Dhari Hai Samne Botal Sharab Ki” de Asha Bhosle?
La chanson “Kabse Dhari Hai Samne Botal Sharab Ki” de Asha Bhosle a été composée par Shankar-Jaikishan, Rajinder Krishnan.

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