Kitna Suhana Woh Din Hoga
कितना सुहाना वह दिन होगा
जिस दिन हमारा मिलन होगा
आँखों में आंखें
बाहों में बाहें
धरती से मिलता गगन होगा
कितना सुहाना वह दिन होगा
जिस दिन हमारा मिलन होगा
आँखों में आंखें
बाहों में बाहें
धरती से मिलता गगन होगा
कितना सुहाना वह दिन होगा
कहो मेरे मासूम
ख्वाबो की तुम
किसी रोज़ ताबीर बन जाओगे
कहो मेरे मासूम
ख्वाबो की तुम
किसी रोज़ ताबीर बन जाओगे
कितना हा हा कितना सुहाना
वह दिन होगा
जिस दिन हमारा मिलन होगा
आँखों में आंखें
बाहों में बाहें
धरती से मिलता गगन होगा
कितना सुहाना वह दिन होगा
सुनूँगी जब आवाज़ सहनाई की
मैं चुप चुप देखूंगी बारात को
सुनूँगी जब आवाज़ सहनाई की
मैं चुप चुप देखूंगी बारात को
जो आएँगी लेकर
मेरे मीत को
गले से लगा लूंगी उस रात को
कितना हा हा कितना
सुहाना वह दिन होगा
जिस दिन हमारा मिलन होगा
आँखों में आंखें
बाहों में बाहें
धरती से मिलता गगन होगा
कितना सुहाना वह दिन होगा
इधर सेज कलियो से होगी भरी
उधर फूल सहरे के महके हुए
इधर सेज कलियो से होगी भरी
उधर फूल सहरे के महके हुए
उलट दोगे तुम आके घूँघट मेरा
तो झुक जायेंगे नैना बहके हुए
कितना हा हा कितना सुहाना
वह दिन होगा
जिस दिन हमारा मिलन होगा
आँखों में आंखें
बाहों में बाहें
धरती से मिलता गगन होगा
कितना सुहाना वो दिन होगा