Koi Shehri Babu
कोई शहरी बाबू, दिल लहरी बाबू हाए रे
पग बाँध गया घुंघरू
मैं छम छम नचदी फिरा
कोई सेहरी बाबू, दिल लहरी बाबू हाए रे
पग बाँध गया घुंघरू
मैं छम छम नचदी फिरन
मैं तो चलूं हौले हौले
फिर भी मान डोले
हाए वे मेरे रब्बा मैं की करां
मैं छम छम नचदी फिरन
कोई सेहरी बाबू, दिल लहरी बाबू हाए रे
पग बाँध गया घुंघरू
मैं छम छम नचदी फिरन
पनघट पे मैं कम जाने लगी
नटखट से मैं शरमाने लगी
पनघट पे मैं कम जाने लगी
नटखट से मैं शरमाने लगी
धड़कन से मैं घबराने लगी
दर्पण से मैं कतराने लगी
मान खाए हिचकोले
ऐसे जैसे नैया डोले
हाए वे मेरे रब्बा मैं की करां
मैं छम छम नचदी फिरन
कोई सेहरी बाबू, दिल लहरी बाबू हाए रे
पग बाँध गया घुंघरू
मैं छम छम नचदी फिरन
सपनों में चोरी से आने लगा
रातों की निंदिया चुराने लगा
सपनों में चोरी से आने लगा
रातों की निंदिया चुराने लगा
नैनों की डॉली बिठा के मुझे
लेके बहुत दूर जाने लगा
मेरे घूँघटा को खोले
मीठे मीठे बोल बोले
हाए वे मेरे रब्बा मैं की करां
मैं छम छम नचदी फिरान
कोई सेहरी बाबू, दिल लहरी बाबू हाए रे
पग बाँध गया घुंघरू
मैं छम छम नचदी फिरन