Kuch Door Hamare Saath

Ibrahim Ashq

कुछ दूर हमारे साथ चलो
कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे
समझे न जिसे तुम आँखों से वो बात ज़बानी कह देंगे

कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे
समझे न जिसे तुम आँखों से वो बात ज़बानी कह देंगे

कुछ दूर हमारे साथ चलो (कुछ दूर हमारे साथ चलो)

फूलों की तरह जब होंठों पर इक शोख़ तबस्सुम बिखरेगा
फूलों की तरह जब होंठों पर इक शोख़ तबस्सुम बिखरेगा
धीरे से तुम्हारे कानों में
धीरे से तुम्हारे कानों में इक बात पुरानी कह देंगे

समझे न जिसे तुम आँखों से वो बात ज़बानी कह देंगे

कुछ दूर हमारे साथ चलो (कुछ दूर हमारे साथ चलो)

इज़हार-ए-वफ़ा तुम क्या समझो इक़रार-ए-वफ़ा तुम क्या जानो
इज़हार-ए-वफ़ा तुम क्या समझो इक़रार-ए-वफ़ा तुम क्या जानो
इज़हार-ए-वफ़ा तुम क्या समझो इक़रार-ए-वफ़ा तुम क्या जानो
हम ज़िक्र करेंगे ग़ैरों का
हम ज़िक्र करेंगे ग़ैरों का और अपनी कहानी कह देंगे

समझे न जिसे तुम आँखों से वो बात ज़बानी कह देंगे

कुछ दूर हमारे साथ चलो (कुछ दूर हमारे साथ चलो)

मौसम तो बड़ा ही ज़ालिम है तूफ़ान उठाता रहता है
मौसम तो बड़ा ही ज़ालिम है तूफ़ान उठाता रहता है
कुछ लोग मगर इस हलचल को
कुछ लोग मगर इस हलचल को

बदमस्त जवानी कह देंगे
समझे न जिसे तुम आँखों से वो बात ज़बानी कह देंगे

कुछ दूर हमारे साथ चलो (कुछ दूर हमारे साथ चलो)

Curiosités sur la chanson Kuch Door Hamare Saath de Asha Bhosle

Quand la chanson “Kuch Door Hamare Saath” a-t-elle été lancée par Asha Bhosle?
La chanson Kuch Door Hamare Saath a été lancée en 1985, sur l’album “Aabshaar-E-Ghazal”.
Qui a composé la chanson “Kuch Door Hamare Saath” de Asha Bhosle?
La chanson “Kuch Door Hamare Saath” de Asha Bhosle a été composée par Ibrahim Ashq.

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