Kya Ho Phir Jo Din Rangeela Ho [Original]
क्या हो फिर जो दिन रंगीला हो
रेत चमके समुंदर नीला हो
और आकाश गीला गीला हो
क्या हो फिर जो दिन रंगीला हो
रेत चमके समुंदर नीला हो
और आकाश गीला गीला हो
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
अंबर झुका झुका होगा
सागर रुका रुका होगा
तुफ़ा छुपा छुपा होगा
हा फिर तो बड़ा मज़ा होगा
अंबर झुका झुका होगा
सागर रुका रुका होगा
तुफ़ा छुपा छुपा होगा
क्या हो फिर चंचल गाते हो
होठों पे मचलती बातें हो
सावन हो कभी बरसातें हो
क्या हो फिर चंचल घाटे हो
होठों पे मचलती बातें हो
सावन हो कभी बरसातें हो
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
कोई भी फिसल रहा होगा
कोई कोई संभल रहा होगा
कोई कोई मचल रहा होगा
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
कोई भी फिसल रहा होगा
कोई कोई संभल रहा होगा
कोई कोई मचल रहा होगा
क्या हो फिर जो दुनिया सोती हो
और तारों भरी खामोशी हो
हर आहट पे धड़कन होती हो
क्या हो फिर जो दुनिया सोती हो
और तारों भरी खामोशी हो
हर आहट पे धड़कन होती हो
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
दिल दिल मिला मिला होगा
तन मन खिला खिला होगा
दुश्मन जला जला होगा
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
दिल दिल मिला मिला होगा
तन मन खिला खिला होगा
दुश्मन जला जला होगा