Lahra Ke Dagar Chali Jati Hai

Yogesh, R D Burman

लहरा के डगर चली जाती हैं किघर
कुछ तुमको पता हैं
कुछ तुम्हें हैं खबर
दूर कहीं पे सोने की जर्मी पे
प्यारा प्यारा हैं बहारों का नगर
लहरा के डगर चली जाती हैं किघर
कुछ तुमको पता हैं
कुछ तुम्हें हैं खबर

आ आ आ आ ये खिले खिले मनचले
सजे मौसम की कसम
रुकते नहीं कहीं मेरे कदम
लगता हैं मन को जैसे गगन को
पंख बिना मैं छू रही हूँ उड़ कर
लहरा के डगर चली जाती हैं किघर
कुछ तुमको पता हैं
कुछ तुम्हें हैं खबर

जब धीरे धीरे नदिया के तीरे दिन जो ढले
मेहंदी रचा कर शाम चलें
रुके दबे पाँव से रंगों भरे गाँव से
आई हो रंगीली कोई गोरी सजकर
लहरा के डगर चली जाती हैं किघर
कुछ तुमको पता हैं कुछ तुम्हें हैं खबर
दूर कहीं पे सोने की जर्मीं पे
प्यारा प्यारा हैं बहारों का नगर
लहरा के डगर चली जाती हैं किघर
कुछ तुमको पता हैं कुछ तुमको पता हैं

Curiosités sur la chanson Lahra Ke Dagar Chali Jati Hai de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “Lahra Ke Dagar Chali Jati Hai” de Asha Bhosle?
La chanson “Lahra Ke Dagar Chali Jati Hai” de Asha Bhosle a été composée par Yogesh, R D Burman.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Asha Bhosle

Autres artistes de Pop rock