Mil Gayi Aaj Do Lehren

Gulshan Bawra

आ आ आ आ
तालाब में यूं कंकड़ फेंको
कितने ही तूफ़ान उठादे
एक चलती फिरती लाश में फिर
जीने के अरमान जगादे
मिल गयीं आज दो लहरें कुछ इस तरह
मिल गयीं आज दो लहरें कुछ इस तरह
अब न साहिल मिले तो कोई गम नहीं
हाथ में हाथ ले यूं ही चलते रहें
अब न मंज़िल मिले तो कोई गम नहीं
मिल गयीं आज दो लहरें कुछ इस तरह

प्यार का एक पल इतना अनमोल है
प्यार बिन सारे जीवन का क्या मोल है
प्यार का एक पल इतना अनमोल है
प्यार बिन सारे जीवन का क्या मोल है
सारी दुनिया में जिस पल का चर्चा रहे
सारी दुनिया में जिस पल का चर्चा रहे
ऐसा इक पल मिले तो कोई गम नहीं
मिल गयीं आज दो लहरें कुछ इस तरह
अब न साहिल मिले तो कोई गम नहीं
मिल गयीं आज दो लहरें कुछ इस तरह

जी रहे थे इसी आस पे ही सनम
एक न एक दिन मिल ही जायेंगे हम
जी रहे थे इसी आस पे ही सनम
एक न एक दिन मिल ही जायेंगे हम
मिल गए तो मिली एक नयी ज़िन्दगी
मिल गए तो मिली एक नयी ज़िन्दगी
मौत अब कल मिले तो कोई गम नहीं
मिल गयीं आज दो लहरें कुछ इस तरह
अब न साहिल मिले तो कोई गम नहीं
मिल गयीं आज दो लहरें कुछ इस तरह
मिल गयीं मिल गयीं
मिल गयीं मिल गयीं
मिल गयीं मिल गयीं

Curiosités sur la chanson Mil Gayi Aaj Do Lehren de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “Mil Gayi Aaj Do Lehren” de Asha Bhosle?
La chanson “Mil Gayi Aaj Do Lehren” de Asha Bhosle a été composée par Gulshan Bawra.

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