Milte Hi Nazar Tumse
आ आ आ आ
आ आ आ आ
मिलते ही नज़र तुमसे
हम हो गये दीवाने
मिलते ही नज़र तुमसे
हम हो गये दीवाने
आगाज़ तो अच्छा है
अंज़ाम खुदा जाने हाय
मिलते ही नज़र तुमसे
हम हो गये दीवाने
अंज़ामे मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने
अंज़ामे मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने
शोलो से उलझते हो
दीवाने हो दीवाने हाय
अंज़ामे मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने
तुम हुस्न मुजसिम हो
रंगीन क़यामत हो
तुम हुस्न मुजसिम हो
रंगीन कयामत हो
फूल ज़ुल्फो के चुने माँग भारी तारो से
रंग मिलता है दहकते हुए अंगरो से
आ मस्त आँखो पे गुमा होता है मयखानो का
हर नज़र में है नशा सैकड़ो पैमानों का
आ जाने क्या हुस्न के जलवो में नज़र आता है
अरे देखने वालो का ईमान चला जाता है
आ जाने क्या हुस्न के जलवो में नज़र आता है
देखने वालो का
ईमान चला जाता है
इसीलिए तो कहा था
तुम हुस्न मुजसिम हो
रंगीन कयामत हो
तुम हुस्न मुजसिम हो
रंगीन कयामत हो
रंगीन कयामत हो
आ हे वाह रंगीन कयामत हो
बैठे है मुक़ाबिल में
अरे बैठे है मुक़ाबिल में
हम तीरे नज़र खाने
बैठे है मुक़ाबिल में
हम तीरे नज़र खाने
आगाज़ तो अछा है
अंज़ाम खुदा जाने हाय
मिलते ही नज़र तुमसे
हम हो गये दीवाने
नादान हो जानो क्या
तुम हुस्न की फितरत को हाय
नादान हो जानो क्या
तुम हुस्न की फितरत को
जो घटाओ की तरह शानो पे लहराते है
हा वही जुल्फे कभी
नाग भी बन जाते है
आँखे मयखाने है लेकिन इन्ही मयखानो में
आ जहर भी मै की जगह होता है पैमानों में
वक़्त की काम ना हो जिसमे वो इंसान ही क्या
एक नज़र मे जो चला जाए वो ईमान ही क्या
वक़्त की काम ना हो जिसमे वो इंसान ही क्या
एक नज़र में जो चला जाए वो ईमान ही क्या
नादान हो जानो क्या
तुम हुस्न की फ़ितरत को हाय
नादान हो जाना क्या
तुम हुस्न की फ़ितरत को
हाय हाय
तुम हुस्न की फ़ितरत को (आ आ आ )
तुम हुस्न की फ़ितरत को
अंदाज़ ही देखे है
तेवर नही पहचाने
अंदाज़ ही देखे है
तेवर नही पहचाने
शोलो से उलझते हो
दीवाने हो दीवाने हाय
अंज़ामे मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने
आ हे मिलते ही नज़र तुमसे
हम हो गये दीवाने
आ आ आ आ
मिलते ही नज़र तुमसे
हम हो गये दीवाने
अंज़ामे मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने
औ औ आ आ
अंज़ामे मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने (आ आ आ )
अंज़ामे मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने
मिलते ही नज़र तुमसे
हम हो गये दीवाने दीवाने