Mujhe Gale Se Laga Lo [Revival]

RAVI, SAHIR LUDHIANVI

मुझे गले से लगा लो
बहुत उदास हु मै
हमे जहा से छुड़ा लो
बहुत उदास हु मै
मुझे गले से लगा लो

नज़र में तीर से चुभते है
अब नजारो से
मैं थक गयी हूँ
सभी टूटते सहरो से
अब और बोझ न डालो
बहुत उदास हु मै
मुझे गले से लगा लो

बहुत सही ग़म ए दुनिया
मगर उदास न हो
करीब है शब् ए ग़म
की सहर उदास न हो
बहुत सही ग़म ए दुनिया

सितम के हाथ की तलवार टूट जाएगी
ये ऊँच नीच की दीवार टूट जाएगी
तुझे कसम है मेरी
हमसफ़र उदास न हो
बहुत सही ग़म ए दुनिया

न जाने कब ये तरीका
ये तौर बदलेगा
सितम का ग़म का
मुसीबत का दौर बदलेगा
मुझे जहा से उठा लो
बहुत उदास हु मै
मुझे गले से लगा लो

Curiosités sur la chanson Mujhe Gale Se Laga Lo [Revival] de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “Mujhe Gale Se Laga Lo [Revival]” de Asha Bhosle?
La chanson “Mujhe Gale Se Laga Lo [Revival]” de Asha Bhosle a été composée par RAVI, SAHIR LUDHIANVI.

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