O Bawri Jayegi Tu Kaise
ओ बावरी ई जाएगी तू
कैसे पिया द्वारे आए आए
देख गगन है इस धरती से
कितना ऊँचा रे आए
ओ बावरी ए ए
लेके माँग में धूल धरा की
माँगे चुनरिया
तू बद्रा की लेके माँग में
धूल धारा आ आ की
माँगे चुनरिया
तू बद्रा की भूल को अपनी
आज तू समझी प्रीत से पहले
क्यूँ नहीं सोचा रे आए आए
ओ बावरी ए
मिलन आस में खोई रही तू
खोल के अँखियाँ सोई रही तू
मिलन आस में खोई रही तू
खोल के अँखियाँ सोई रही तू
चढ़ने गयी तही ऊँची अटरिया
गिरी जब नीचे
हाययए तब देखा रे आए
ओ बावरी ई ई जाएगी तू
कैसे पिया द्वारे आए आए आए
देख गगन है इस धरती से
कितना ऊँचा रे आए
ओ बावरी ए ए ए