O Saathi Re
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
फूलों में कलियों में सपनों की गलियों में
फूलों में कलियों में सपनों की गलियों में
तेरे बिना कुछ कहीं ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
जाने कैसे अनजाने ही आन बसा कोई प्यासे मन में
अपना सब कुछ खो बैठे हैं पागल मन के पागलपन में
दिल के अफसाने
दिल के अफसाने मैं जानूँ तू जाने और ये जाने कोई ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
हर धड़कन में प्यास है तेरी साँसों में तेरी खुश्बू है
इस धरती से उस अम्बर तक मेरी नज़र में तू ही तू है
प्यार ये टूटे ना
प्यार ये टूटे ना तू मुझसे रूठे ना साथ ये छूटे कभी ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
आ आ आ आ आ
तुझ बिन जोगन मेरी रातें तुझ बिन मेरे दिन बंजारे
मेरा जीवन जलती धूनी बुझे-बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी
तेरे बिना मेरी मेरे बिना तेरी ये जिंदगी जिंदगी ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना