Ruk Jaao Sanam

Shamsul Huda Bihari

रुक जाओं सनम तुझे मेरी कसम
मेरे प्यार को यूँ ठुकरा के ना जा
रुक जाओं सनम तुझे मेरी कसम
मेरे प्यार को यूँ ठुकरा के ना जा
हैं रात जवां रंगीन समा
ऐसे मे मुझे तरसा के ना जा
रुक जाओं सनम

दिल ये पुकारे देख नज़ारे
ऐसी घड़ी कब आती हैं
दिल ये पुकारे देख नज़ारे
ऐसी घड़ी कब आती हैं
रात सुहानी बनके दीवानी
प्यार के नगमें गाती हैं
हर एक अदा देती हैं सदा
अरमान को यूँ तड़पा के ना जा
रुक जाओं सनम तुझे मेरी कसम
मेरे प्यार को यूँ ठुकरा के ना जा
हैं रात जवां रंगीन समा
ऐसे में मुझे तरसा के ना जा
रुक जाओं सनम

सामने मंजिल फिर भी हैं गाफ़िल
जाना हैं तुझको दूर नहीं
सामने मंजिल फिर भी हैं गाफ़िल
जाना हैं तुझको दूर नहीं
करके दीवाना छोड़ के जाना
उल्फ़त का ये दसतूर नहीं
मैं शमा तेरी परवाना हैं तू
मुझे ऐसे अकेले जला के ना जा
रुक जाओं सनम तुझे मेरी कसम
मेरे प्यार को यूँ ठुकरा के ना जा
हैं रात जवां रंगीन समा
ऐसे मे मुझे तरसा के ना जा
रुक जाओं सनम

Curiosités sur la chanson Ruk Jaao Sanam de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “Ruk Jaao Sanam” de Asha Bhosle?
La chanson “Ruk Jaao Sanam” de Asha Bhosle a été composée par Shamsul Huda Bihari.

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