Zamin Aasman Jab Hai Dushman Hamare

A, N, KUMAR HEMANT

सितम की आँधियो से जल रहे है
मेरे दिल मे घम के दाग
बचाऊ हाए कैसे
बुझ रहा है उलफत का चराग़

ज़मी आस्मा जब है दुश्मन हुमारे
करे किससे शिकवा मोहब्बत के मारे
ज़मी आस्मा जब है दुश्मन हुमारे
करे किससे शिकवा मोहब्बत के मारे

बुझी जा रही है समा ज़िंदगी की
कभी ना मिटे ऐसे दुनिया किसी की
दुनिया किसी की
कहीं से भी हुमको मिले ना सहारे
करे किससे शिकवा मोहब्बत के मारे
ज़मी आस्मा जब है दुश्मन हुमारे
करे किससे शिकवा मोहब्बत के मारे

मेरी बेकशी का ना पूछो फसाना
जलेगा मेरे सामने आशियाना
मेरा आशियाना
मुझे देखने होंगे ये भी नज़ारे
करे किससे शिकवा मोहब्बत के मारे
ज़मी आस्मा जब है दुश्मन हुमारे
करे किससे शिकवा मोहब्बत के मारे

Curiosités sur la chanson Zamin Aasman Jab Hai Dushman Hamare de Asha Bhosle

Qui a composé la chanson “Zamin Aasman Jab Hai Dushman Hamare” de Asha Bhosle?
La chanson “Zamin Aasman Jab Hai Dushman Hamare” de Asha Bhosle a été composée par A, N, KUMAR HEMANT.

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