Hum Kis Galli Jaa Rahe Hai [Jhankar]

Sachin Gupta

हम किस गली जा रहे हैं
हम किस गली जा रहे हैं
अपना कोई ठिकाना नही
अपना कोई ठिकाना नही

अरमानों की अंजुमन में
बेसुध हैं अपनी लगन में
अपना कोई फ़साना नहीं
अपना कोई फ़साना नहीं
ये ई ये ई ये ई ये
ओओ ओओ
ये ई ये ई ये ई ये
ओओ ओओ ओओ
ये ई ये ई ये ई ये

इक अजनबी सा चेहरा, रहता है मेरी नज़र में
इक दर्द आके ठहरा, दिन रात दर्दे जिगर में
इक अजनबी सा चेहरा, रहता है मेरी नज़र में
इक दर्द आके ठहरा, दिन रात दर्दे जिगर में
जागी है कैसी तलब सी ये आरज़ू है अज़ब सी
लेकिन किसी को बताना नहीं
लेकिन किसी को बताना नहीं
हम किस गली जा रहे हैं
हम किस गली जा रहे हैं
अपना कोई ठिकाना नहीं
अपना कोई ठिकाना नहीं

बेताबियां हैं पल पल, छाया ये कैसा नशा है
खामोशियों में सदा, होश भी गुम शुदा है
बेताबियां हैं पल पल, छाया ये कैसा नशा है
खामोशियों में सदा, होश भी गुम शुदा है
दर दर क्या घूमता है मस्ती मे क्यों झूमता है
दीवाने दिल ने जाना नही
दीवाने दिल ने जाना नही
हम किस गली जा रहे हैं
हम किस गली जा रहे हैं
अपना कोई ठिकाना नहीं
अपना कोई ठिकाना नहीं
अपना कोई ठिकाना नहीं
अपना कोई ठिकाना नहीं

Curiosités sur la chanson Hum Kis Galli Jaa Rahe Hai [Jhankar] de Atif Aslam

Quand la chanson “Hum Kis Galli Jaa Rahe Hai [Jhankar]” a-t-elle été lancée par Atif Aslam?
La chanson Hum Kis Galli Jaa Rahe Hai [Jhankar] a été lancée en 2006, sur l’album “Doorie”.
Qui a composé la chanson “Hum Kis Galli Jaa Rahe Hai [Jhankar]” de Atif Aslam?
La chanson “Hum Kis Galli Jaa Rahe Hai [Jhankar]” de Atif Aslam a été composée par Sachin Gupta.

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