Zara Zara [Remix]
K Kami, Sameer, J Jayaraj Harris
ज़रा ज़रा बहकता है महकता है
आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासी हूँ
मुझे भर ले अपनी बाहों मे
है मेरी कसम तुझको सनम
दूर कहीं ना जा
ये दूरी कहती है
पास मेरे आजा रे
ज़रा ज़रा बहकता है
ज़रा ज़रा महकता है
आज तो मेरा तन बदन मैं प्यासी हूँ
मुझे भर ले अपनी बाहों मे है मेरी कसम तुझको सनम
दूर कहीं ना जा ये दूरी कहती है पास मेरे आजा रे
यूँ ही बरस बरस काली घटा बरसे
हम यार भीग जाएँ इस चाहत की बारिश में
मेरी खुली खुली लटों को सुलझाए
तू अपनी उँगलियों से
मैं तो हूँ इसी ख्वाहिश में
सर्दी की रातों में
हम सोये रहें एक चादर में
हम दोनों तन्हाँ हो
ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा ज़रा बहकता है महकता है
आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासी हूँ
मुझे भर ले अपनी बाहों में