Kuch Aur
कुछ और है
तुझसे मिलके बताएँगे बातें
कुछ और है
अब क्या तुझसे च्छुपाना
अब क्या तुझको जताना
कुछ और है
तुझसे मिलके बतायें
बता भी ना पायें
कुछ और है
तुझसे मिलके बताएँगे बातें
कुछ और है
अब क्या तुझसे च्छुपाना
अब क्या तुझको जताना
कुछ और है
तुझसे मिलके बतायें
बता भी ना पायें
हर एक पत्ता गिर गया
तू नई संभली मेरा रिश्ता संभला ना
साल बीते चले पर तू नई मिली हन
मैं रुका रहा वहाँ
लाल बत्ती जैसे हन
कुछ भी ना मिला यहाँ
कितने रिश्ते तेरे होने है
तू बता यह धागे तेरे ककचे हैं या सपने
तोड़ेगा इस डोरी को कौन
क्या यह तू है मैं
शीशे में खड़े
परच्छाइयों को ताके क्यूँ
उससे यह भी मिला नि
मेरी ज़िंदगी उसको जो लेनी
अब हम खुद हैं खुशी में
और खुद को ही थामें
और खुदस से ही
कुछ और है
तुझसे मिलके बताएँगे बातें
कुछ और है
अब क्या तुझसे च्छुपाना
अब क्या
हम भी तो सही थे
अकेले तुम नही थे
हम अब भी हैं वहीं
इन आँखों में नामी
बस तेरी ही कमी है
हम भी तो सही थे
अकेले तुम नही थे
हम अब भी हैं वहीं
इन आँखों में नामी
बस तेरी ही कमी है
बहुत कुछ सीखने मिल गया यॅ!
इसी बहाने यह गाना लिखने मिल गया
अपनी यह कहानी अब सुनेगी पूरी दुनिया
लेकिन यह कहानी अधूरा ही रह गया
बंदा मैं पानी सा
पानी सा में बह गया
चलता गया में लाइफ में
ज़िंदगी जहाँ ले गया
पुचछा नई कभी मैं रब को
ऐसा सब क्यूँ हो रहा था
गार्दी में हस्ता हस्ता था
अकेले में रोरा था
उसे मैं भी मिला नई
तेरी ज़िंदगी मुझको चली नई
क्या था यह प्यार हन
समझा मैं जब तू चली गयी
कुछ और है
तुझसे मिलके बताएँगे बातें
कुछ और है कुछ और है
तुझसे च्छुपाना क्या
मैं भी तो सहा था
चाहिए था तेरा सहारा
मिला नही तेरा साथ
तो छ्चोड़ा मैने हाथ
तोड़ना पड़ा मेरा वादा
मैं भी तो सहा था
चाहिए था तेरा सहारा मैं हरा
मिला नही तेरा साथ
तो छ्चोड़ा मैने हाथ
तोड़ना पड़ा मुझे वादा
हम भी तो सही थे
अकेले तुम नही थे
हम अब भी हैं वहीं
इन आँखों में नामी
बस तेरी ही कमी है
मैं भी तो सहा था
चाहिए था तेरा सहारा
मिला नही तेरा साथ
तो छ्चोड़ा मैने हाथ
तोड़ना पड़ा मेरा वादा